लेखनी कविता -तिरंगा - बालस्वरूप राही

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तिरंगा / बालस्वरूप राही बड़ा अनोखा, रंग-बिरंगा, लाल किले पर सजा तिरंगा। जब भी इसको फहराते हैं, 'जन-गण-मन' मिलकर गाते हैं। ...

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